Taraweeh ki dua एक ऐसी दुआ है जो तरावीह की नमाज़ पढ़ने के बाद पढ़ी जाती है। तरावीह की नमाज़ रमज़ान के महीने में पढ़ी जाती है और यह नमाज़ सुन्नत-ए-मुअक्किदा है। Taraweeh ki dua में अल्लाह तआला से माफी की दुआ, जन्नत की दुआ और दुनिया और आखिरत में सफलता की दुआ माँगी जाती है।

तरावीह की दुआ का अर्थ
Taraweeh ki dua का अरथ है, “ऐ अल्लाह! मैं तुमसे दुनिया और आखिरत में माफी और आराम की दुआ माँगता हूँ। ऐ अल्लाह! तुम बड़े ही क्षमाशील हो और क्षमा करना पसंद करते हो, इसलिए मुझे क्षमा कर दो।” यह दुआ हमारे गुनाहों के लिए हमारी नींव रखने के रूप में कार्य करती है और हमें अल्लाह की क्षमा का अहसास कराती है।
तरावीह की दुआ के महत्व
- आत्मा को शांति देना
तरावीह ki dua के दौरान जब आप अल्लाह की याद में डूबते हैं, तो यह आपकी आत्मा को शांति और सुकून प्रदान करता है। यह आपको सकारात्मक तरीके से अपने दिल की गहराइयों में जाने का मौका देता है और आपको आपके मालिक, अल्लाह, के साथ बेहद क़रीब महसूस करने में मदद करता है। - सजदे की ताक़त
Taraweeh ki dua के दौरान सजदे का अद्वितीय महत्व होता है। सजदा करने से आपके शरीर की फितरत सुधरती है और आपका जीवन स्वस्थ रहता है। सजदा करते समय आप अपने दिल को और भी खुलकर अल्लाह के पास ले जाते हैं, जिससे आपका ईमान मजबूत होता है। - दुआ का माध्यम
Taraweeh ki dua एक अच्छा मौका होता है अपने दिल की गहराइयों से अपनी जरूरतों और इच्छाओं को अल्लाह के सामने रखने का। आप इस समय दुआओं को और भी खासी तरीके से पेश कर सकते हैं और अपने दिल की बातें अल्लाह से मांग सकते हैं।
तरावीह की दुआ अरबी में || Taraweeh ki dua in urdu
اللَّهُمَّ إِنِّي أَسْأَلُكَ الْعَفْوَ وَالْعَافِيَةَ فِي الدُّنْيَا وَالْآخِرَةِ، اللَّهُمَّ إِنَّكَ عَفُوٌّ تُحِبُّ الْعَفْوَ فَاعْفُ عَنِّي

तरावीह की दुआ हिंदी में || Taraweeh ki dua in hindi
ऐ अल्लाह ! मैं तुमसे दुनिया और आखिरत में माफी और आराम की दुआ माँगता हूँ। ऐ अल्लाह ! तुम बड़े ही क्षमाशील हो और क्षमा करना पसंद करते हो, इसलिए मुझे क्षमा कर दो।

Taraweeh ki dua in english
O Allah, I ask You for forgiveness and well-being in this world and the hereafter. O Allah, You are Forgiving and You love to forgive, so forgive me.

तरावीह की दुआ कैसे पढ़ें
Taraweeh ki dua पढ़ते समय यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि आप सही तरीके से पढ़ें ताकि यह आपके ईमान को मजबूत कर सके। निम्नलिखित हैं कुछ सरल चरण:
1. आचार्य के साथ जाएं
Taraweeh ki dua का पाठ करते समय, आप एक आचार्य या ईमाम के साथ जा सकते हैं। उन्होंने सही तरीके से पढ़ने का ज्ञान रखते हैं और आपको मार्गदर्शन देंगे।
2. अच्छे तरीके से तिलावत करें
Taraweeh ki dua को अच्छे तरीके से तिलावत करने के लिए आपको इसकी सही तिलावत का अभ्यास करना होगा। यह आपके लिए मुश्किल हो सकता है, लेकिन धीरे-धीरे आप इसे सीख सकते हैं।
3. समय पर पढ़ें
Taraweeh ki dua का पाठ रमज़ान के महीने के दौरान किया जाता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप इसे समय पर पढ़ें। यह आपके ईमान को मजबूत करने में मदद करेगा।
तरावीह की दुआ के फायदे
- तरावीह की दुआ पढ़ने से अल्लाह तआला की माफी मिलती है: यह दुआ हमारे गुनाहों के लिए माफी प्रदान करती है और हमारे दिल को साफ रखती है।
- तरावीह की दुआ पढ़ने से जन्नत की मिलती है: इस दुआ के पढ़ने से हमें जन्नत की दुआ मिलती है और हमारे आखिरत में सफलता होती है।
- तरावीह की दुआ पढ़ने से दुनिया और आखिरत में सफलता मिलती है: यह दुआ हमारे जीवन को सफल बनाने में मदद करती है और हमें आखिरत में सफलता प्रदान करती है।
- तरावीह की दुआ पढ़ने से दिल को शांति मिलती है: इस दुआ का पढ़ना हमारे दिल को प्रसन्नता और शांति प्रदान करता है और हमें दुखों से राहत दिलाता है।
- तरावीह की दुआ पढ़ने से ईमान मज़बूत होता है: यह दुआ हमारे ईमान को मज़बूत करती है और हमें अल्लाह के प्रति विश्वास में इज़ाफा करती है।
निष्कर्ष
तरावीह की दुआ एक बहुत ही महत्वपूर्ण दुआ है। हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम हर रात तरावीह की नमाज़ पढ़ने के बाद इस दुआ को पढ़ें। यह दुआ हमें दुनिया और आखिरत में सफलता प्रदान करेगी।
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