गबन: मुंशी प्रेमचंद |Gaban (Novel) : Munshi Premchand – Chapter 5

Gaban Chapter 5

Gaban Chapter 5 में, दयानाथ और जलपा का विवाह होता है। दयानाथ जलपा को एक भव्य जीवन देना चाहता है, लेकिन वह वहन नहीं कर सकता। वह अपने कार्यालय से पैसे गबन करना शुरू कर देता है। अध्याय में दयानाथ की महत्वाकांक्षा और लालच …

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गबन: मुंशी प्रेमचंद |Gaban (Novel) : Munshi Premchand – Chapter 4

Gaban chapter 4

Gaban chapter 4 एक रोमांचक और गहरी कहानी का हिस्सा है जिसमें हमारे मुख्य पात्री प्रेमचंद द्वारा लिखे गए उपन्यास के केंद्रीय किरदार रामलाल का चरित्र विकसित होता है। इस अध्याय में हम इस कहानी के महत्वपूर्ण संवाद और घटनाओं को समझेंगे। Gaban chapter …

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गबन: मुंशी प्रेमचंद |Gaban (Novel) : Munshi Premchand – Chapter 3

Gaban chapter 3

Gaban chapter 3 में, जगती जो कि एक गरीब और निष्कलंक पति की भूमिका निभाती है, अपने पति के साथ एक खुशहाल जीवन की आशा करती हैं। लेकिन क्या यह संभव है? इस अध्याय में हम देखेंगे कि उनका आशा क्या पूरी होती है …

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गबन: मुंशी प्रेमचंद |Gaban (Novel) : Munshi Premchand – Chapter 2

Gaban chapter 2

Gaban chapter 2 एक रोचक और मनोरंजक कहानी का हिस्सा है जो हमें गाँव के जीवन और सामाजिक परिपेक्ष्य के बारे में बेहतर जानकार बनाता है। मुंशी प्रेमचंद की अद्भुत रचना का यह भाग आपको उनके साहित्यिक दुनिया में ले जाता है और एक …

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गबन: मुंशी प्रेमचंद |Gaban (Novel) : Munshi Premchand – Chapter 1

Gaban Chapter 1

Gaban Chapter 1 में हमें कथा का सारांश प्राप्त होता है। थाकुर मानसराय का परिचय दिया जाता है, और हम उनके सामाजिक और आर्थिक स्थिति को समझते हैं। नाथू राम के साथ उनकी दोस्ती की भूमिका और उनके जीवन में किस प्रकार का महत्वपूर्ण …

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Gaban (गबन) – एक भाषाई और सांस्कृतिक अद्वितीयता का प्रतीक

Gaban

प्रस्तावना भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ‘गबन (Gaban)’ है, जिसे प्रेमचंद द्वारा लिखा गया था। इस लेख में, हम ‘गबन’ के महत्व को जानेंगे और इसके सांस्कृतिक और भाषाई महत्व को समझेंगे। Gaban (गबन): कहानी की नींव ‘गबन’ एक कथा है जो मुख्य …

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गोदान (Godan): प्रेमचंद का अनमोल उपन्यास

Godan

गोदान उपन्यास का परिचय Godan भारतीय साहित्य के महान लेखक प्रेमचंद द्वारा लिखा गया एक महत्वपूर्ण उपन्यास है। इस उपन्यास की रचना 1936 में हुई थी और यह प्रेमचंद के उपन्यासों में से एक है, जिसने समाज के मुद्दों को बहुत ही गहराई से …

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गोदान : मुंशी प्रेमचंद |Godan (Novel) : Munshi Premchand – Chapter 10

Godan Chapter 10

हीरा का कहीं पता न चला और दिन गुज़रते जाते थे। होरी से जहाँ तक दौड़धूप हो सकी की; फिर हारकर बैठ रहा। खेती-बारी की भी फ़िक्र करनी थी। अकेला आदमी क्या-क्या करता। और अब अपनी खेती से ज़्यादा फ़िक्र थी पुनिया की खेती …

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गोदान : मुंशी प्रेमचंद |Godan (Novel) : Munshi Premchand – Chapter 9

Godan Chapter 9

प्रातःकाल होरी के घर में एक पूरा हंगामा हो गया। होरी धनिया को मार रहा था। धनिया उसे गालियाँ दे रही थी। दोनों लड़कियाँ बाप के पाँवों से लिपटी चिल्ला रही थीं और गोबर माँ को बचा रहा था। बार-बार होरी का हाथ पकड़कर …

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गोदान : मुंशी प्रेमचंद |Godan (Novel) : Munshi Premchand – Chapter 8

Godan Chapter 8

जब से होरी के घर में गाय आ गयी है, घर की श्री ही कुछ और हो गयी है। धनिया का घमंड तो उसके सँभाल से बाहर हो-हो जाता है। जब देखो गाय की चर्चा। भूसा छिज गया था। ऊख में थोड़ी-सी चरी बो …

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